White धरा की चांदनी अंबर मे आज बिखरी प्रीत की रंगत | हिंदी कविता

"White धरा की चांदनी अंबर मे आज बिखरी प्रीत की रंगत केसी आज निखरी, बिंदिया पायल के सुंदर नजारे बोलें, कंगन काजल हार सौंदर्य रस घोले,, सितारे सारे उतर आये आज आंगन मे, चंदा की चांदनी छोड़ आये गगन मे, ये चाँद धरती पर केसा चमक रहा, किसकी चाहत मे ऐसा दमक रहा,, इसके साये तले अब तो मुझे रहना है, नभ का चाँद नहीं धरा का चाँद कहना है,, सज्ज हु हर वचन तुमसे निभाने को, निर्जला रह रही हो मेरी उम्र बढ़ाने को,, चाहत तुम्हारी साथ हमेशा मेरा पाना, चाहत मेरी हाथो मे हाथ तेरा पाना,, एक दूजे के बिना आधे आधे से, चल रहे संग पूर्ण होने के इरादे से,, पायल बिंदिया या कजरे का हार दू, तूम बोलो तो अपने प्यार का श्रृंगार दू, रुनझुन आवाज कानो मे करे कंगना, बड़ा प्यारा लगे सादगी से तेरा सवरना,, हाथो मे सुर्ख लाल मेहंदी निखर रही, इसकी रंगत सीधे ह्रदय मे उतर रही,, हर पल तूम मुझे अपने पास चाहती हो, मेरे जीवन मे खुशि की उजास चाहती हो,, जी करे तुम्हे खुशियों भरा संसार दू, हर पल हर लम्हे मे तुम्हे अपना प्यार दू,, मेरे चाँद की चाँदनी कभी भी कम ना हो, वादा तुमसे मेरी वजह से ऑंखें नम ना हो,, सजा दी है तुमने फिर पूजा की थाल बढ़ गये ना जाने कितने जीवन के साल,, एक चाँद को दूजे चाँद का इंतजार है, बादलो की ओट मे करे क्या विचार है..? विलम्ब ना करो अब प्रकट होने मे, निर्जला बैठी ना रहे अब किसी कोने मे,, त्याग भी दो ना अब तूम बादलो की ओट दर्श दे अमर कर दो हमारे प्यार की जोत,, प्यार और विश्वास के हाथ रक्षा करे जोत की, प्यार और विश्वास की डोर से अमरता बनी रहे करवा चौथ की... 🙏 20-10-2024 ✍️नितिन कुवादे.... . . . . . . . .. . . . . . ©Nitin Kuvade"

 White धरा की चांदनी अंबर मे आज बिखरी
प्रीत की रंगत    केसी   आज  निखरी,
बिंदिया पायल के  सुंदर  नजारे  बोलें,
कंगन काजल हार  सौंदर्य  रस  घोले,,
सितारे सारे उतर आये आज आंगन मे,
चंदा की  चांदनी  छोड़  आये  गगन मे,
ये चाँद  धरती पर   केसा    चमक रहा,
किसकी  चाहत  मे   ऐसा दमक रहा,,
इसके साये तले अब तो मुझे रहना है,
नभ का चाँद नहीं धरा का चाँद कहना है,,
सज्ज हु हर वचन तुमसे निभाने को,
निर्जला रह रही हो मेरी उम्र बढ़ाने को,,
चाहत तुम्हारी साथ हमेशा मेरा पाना,
चाहत मेरी हाथो मे हाथ तेरा पाना,,
एक दूजे के बिना आधे  आधे    से,
चल रहे संग पूर्ण  होने   के इरादे से,,
पायल बिंदिया या कजरे का हार दू,
तूम बोलो तो अपने प्यार का श्रृंगार दू,
रुनझुन आवाज कानो मे करे कंगना,
बड़ा प्यारा लगे सादगी से तेरा सवरना,,
हाथो मे सुर्ख लाल मेहंदी निखर रही,
इसकी रंगत सीधे  ह्रदय मे उतर रही,,
हर पल तूम मुझे अपने पास चाहती हो,
मेरे जीवन मे खुशि की उजास चाहती हो,,
जी करे तुम्हे खुशियों भरा   संसार दू,
हर पल हर लम्हे मे तुम्हे अपना प्यार दू,,
मेरे चाँद की चाँदनी कभी भी कम ना हो,
वादा तुमसे मेरी वजह से ऑंखें नम ना हो,,
सजा दी है तुमने फिर  पूजा  की  थाल
बढ़ गये ना जाने कितने जीवन के साल,,
एक चाँद को दूजे चाँद का इंतजार है,
बादलो की ओट मे  करे क्या विचार है..?
विलम्ब ना करो  अब प्रकट होने मे,
निर्जला बैठी ना रहे अब किसी कोने मे,,
त्याग भी दो ना अब तूम बादलो की ओट
दर्श दे अमर कर दो हमारे प्यार की जोत,,
प्यार और विश्वास के हाथ रक्षा करे जोत की,
प्यार और विश्वास की डोर से अमरता 
बनी रहे करवा चौथ की... 🙏
20-10-2024
✍️नितिन कुवादे....
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©Nitin Kuvade

White धरा की चांदनी अंबर मे आज बिखरी प्रीत की रंगत केसी आज निखरी, बिंदिया पायल के सुंदर नजारे बोलें, कंगन काजल हार सौंदर्य रस घोले,, सितारे सारे उतर आये आज आंगन मे, चंदा की चांदनी छोड़ आये गगन मे, ये चाँद धरती पर केसा चमक रहा, किसकी चाहत मे ऐसा दमक रहा,, इसके साये तले अब तो मुझे रहना है, नभ का चाँद नहीं धरा का चाँद कहना है,, सज्ज हु हर वचन तुमसे निभाने को, निर्जला रह रही हो मेरी उम्र बढ़ाने को,, चाहत तुम्हारी साथ हमेशा मेरा पाना, चाहत मेरी हाथो मे हाथ तेरा पाना,, एक दूजे के बिना आधे आधे से, चल रहे संग पूर्ण होने के इरादे से,, पायल बिंदिया या कजरे का हार दू, तूम बोलो तो अपने प्यार का श्रृंगार दू, रुनझुन आवाज कानो मे करे कंगना, बड़ा प्यारा लगे सादगी से तेरा सवरना,, हाथो मे सुर्ख लाल मेहंदी निखर रही, इसकी रंगत सीधे ह्रदय मे उतर रही,, हर पल तूम मुझे अपने पास चाहती हो, मेरे जीवन मे खुशि की उजास चाहती हो,, जी करे तुम्हे खुशियों भरा संसार दू, हर पल हर लम्हे मे तुम्हे अपना प्यार दू,, मेरे चाँद की चाँदनी कभी भी कम ना हो, वादा तुमसे मेरी वजह से ऑंखें नम ना हो,, सजा दी है तुमने फिर पूजा की थाल बढ़ गये ना जाने कितने जीवन के साल,, एक चाँद को दूजे चाँद का इंतजार है, बादलो की ओट मे करे क्या विचार है..? विलम्ब ना करो अब प्रकट होने मे, निर्जला बैठी ना रहे अब किसी कोने मे,, त्याग भी दो ना अब तूम बादलो की ओट दर्श दे अमर कर दो हमारे प्यार की जोत,, प्यार और विश्वास के हाथ रक्षा करे जोत की, प्यार और विश्वास की डोर से अमरता बनी रहे करवा चौथ की... 🙏 20-10-2024 ✍️नितिन कुवादे.... . . . . . . . .. . . . . . ©Nitin Kuvade

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