White जिनसे गुजरी जिन्दगी कल तक
उनसे तो ये रास्ते आसान हैं शायद ,
अब ख्वाइशों का दौर कहाँ है दोस्त ?
बस दिल में थोड़े अरमान हैं शायद।
उन्होंने एक कॉल में एक उम्र की खैर पूछ ली,
कल तक अपने थे आज हम मेहमान हैं शायद।
जो बीत रही है उसकी शिकायत करें भी तो क्योंकर,
ये बुरे दौर भी जीवन के इम्तिहान हैं शायद।
©Khushboo
#mountain कल और आज