वफ़ा करूं या जफा करूं तू ही बता ऐ सितमगर,
तेरे साथ अब मैं क्या करूं..
जज़्बात जो दबे हैं मेरे दिल में कई सालों से
उन ख्वाबों और ख्यालों का अब मैं क्या करूं..
बेपरवाह तेरी नजरें देखती हैं किसी और को अब
बेपरवाह तेरी नजरें देखती हैं किसी और को अब
पर जो सिर्फ तेरे लौट आने का ख़्वाब देखती हैं
मैं उन उदास मेरी नजरों का अब क्या करूं..
©Kalpana Srivastava
#नजरें