❤️हाल अपना तुम्हें बताना क्या, चीर के दिल तुम्हें दिखाना क्या,
वही रोना है सदा का अब भी, ❤️ दास्ताँ फिर वो ही दोहराना क्या,
❤️बेकरारी ही है जुदाई में, ग़म की बातें तुम्हें सुनना क्या,
मेरी चुप्पी में तेरी मोहब्बत है, ❤️ बेवजह होंठों को हिलाना क्या।
©Masoomraza Masoomraza
#lonelynight