"मेरी मंज़िल भी मेरे करीब होगी जब
मेरी मेहनत में थोड़ी कामयाबी झलकेगी
मेरे नाम से मुझे जाना जायेगा "ऑथर शाही"
मेरे लिखे हुए अल्फ़ाज़ों को खूब प्यार मिलेगा
मेरे हाथों की लकीरों में खुशियां होगी जब मैं
अपनी ज़िंदगी अपनी कलम के नाम करुँगी
©Author Shahista Agwan
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