मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं, छोटे से प्यार और बड़ | हिंदी कविता
"मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं,
छोटे से प्यार और बड़ों का आदर
से बड़ा कोई कर्म नही,
बेजुबानो से प्यार करने में कोई शर्म नहीं,
स्त्रियों को इज्जत ना करने से
बड़ा कोई कुकर्म नहीं।
#amarjeetk"
मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं,
छोटे से प्यार और बड़ों का आदर
से बड़ा कोई कर्म नही,
बेजुबानो से प्यार करने में कोई शर्म नहीं,
स्त्रियों को इज्जत ना करने से
बड़ा कोई कुकर्म नहीं।
#amarjeetk