पेंडो़ अपनी कोंपल निकालो
फूलों अपनी सुंगध बिखेरो
आखिर मैं आ गया
मेरी अभिलाषा कोई दुःखी ना रहे
रहो सुखी , दुनिया वालों देखो तुम
इसी खंड में जन्मी मां शारदा
इसी खंड में नव वर्ष भारतीयों का
अब अरविंद खिलो तुम
चलो मां शारदा के चरणों में
आजादी से तेरे उस सुनहरे पानी में
उस वन से देखो कितनी सुनहरी सुगंध आ रही
मानो महेश ने मुझे आने की बधाई दे रखी
ये तो कुदरत का करिश्मा है
मैंने कुछ नहीं किया
मैंने तो बस खुशहाली हरियाली बॉटी है
इसलिए तो मैं कहा जाता हॅु
सभी ऋतुओं का राजा ऋतुराज
इसी खंड में बनता है माधव (शहद)
इसलिए मेरा भी नाम पड़ा माधव
अभी सही वक्त है तुम्हारे लिए
नि: संदेह सफल होवोगे तुम
गवाना मत तुम मुझे
वरना मैं गवा दूंगा तुम्हें ……….
©Nitesh Kumar Sinwal
😊😊
#EveningBlush