मेरे प्रिय वक़्त
सुनो ना कहीं गम भरने हैं
तुम जरा मलहम तो बन जाओ,,,।
मेरे प्रिय वक़्त
सुनो ना जरा
जरा विराम करो जरा रुक जाओ
शाइस्ता शाइस्ता चलो
मेरे महबूब आए हैं
मुझसे मिलने,,,।
मेरे प्रिय वक़्त
सुना है तेरी तेज गति
हवाओ से भी तेज है
फिर क्यों जब
यादों का गमों का
उदासीन का वक्त होता हैं
फिर क्यों तू तब
कछुए की चाल चलने लगता है!
©dilki feeling143
#लाइफ
#ujala