"एक दुनिया है मुझ मै खुद की
एक दुनिया मै खुद मै खोया
माला की हर एक मोती से
अंतर्मन से खुद को जोड़ा
अंतर्मन की गांठें टूटे
मन पावन होकर निकले
इस भवसागर का मै एक तिनका
जन्म -मरण का ये बंधन टूटे
(सचिन चमोला )"
एक दुनिया है मुझ मै खुद की
एक दुनिया मै खुद मै खोया
माला की हर एक मोती से
अंतर्मन से खुद को जोड़ा
अंतर्मन की गांठें टूटे
मन पावन होकर निकले
इस भवसागर का मै एक तिनका
जन्म -मरण का ये बंधन टूटे
(सचिन चमोला )