तुम्हारा प्रेम पहन लिया है मैंने,
अब मेरे श्रृंगार के मायने कुछ नहीं,
तुझे माथे पर रोज़ सजाती हूं,
चांद की बिंदी जैसे लगाती हूं,
तुम्हारी धड़कन से ख़ुद को गले लगाती हूं,
जैसे नौलखा हार पहन शर्माती हूं,
तुम छू लेते हो जब मुझे,
पायल जैसी खनक सुनाई देती है,
तुमसे मेरी खुशी है,
ये दुनिया में मेरे लिए कुछ नहीं है,
तुम्हारे हंसने की चमक,
मेरे चेहरे पर साफ़ नज़र आती है,
तुझसे मिलने भर से,
मेरे चेहरे की रंगत लौट आती है,
मानो जैसे साजो श्रृंगार में,
लिपटी दुल्हन नज़र आती है,
तुम बहुत ज़रूरी हो मेरे लिए,
ये बात मुझसे हर बार कही नहीं जाती है..!!
- Kiran Verma ✍🏻❤️🧿
©ख्वाहिश _writes
#Heart #Romantic #nojoto #Hindi #hindi_shayari