हम ही हम हैं तो क्या हम हैं?
तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो?
तुम ही गुम हो निगाहों में
जो तुम ना हो तो क्या गम हो?
जो गुम है हम निगाहों में
तो तुम ही बताओ क्या कम हो?
जो देखू तेरी आंखों में
मुझे दिखता कोई गम हो
आके सिमट जा तू बाँहों में
जो तुम हो पास तो क्या गम हो?
©Ankit Rai
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