याद लाती हैं तेरी मगर मैं इस बारिश को कैसे रोक सकता हूं
ये बूंदे भी जलाती है बदन मेरा कैसे मैं खुद को इन्हे सौंप सकता हूं
जब गरजते हैं ये बादल तो मेरे दिल की धड़कने बढ जाती हैं
जब जोर से कड़कती है बिजली तो मेरी रूह सहम जाती हैं
और ये एक हवा का झोंका आग दिल में सुलगा जाता हैं
भुला देता है सबकुछ और भूले में उलझा जाता हैं
अब फुट जाता है दर्द ए दरिया और आंसू की झड़ी रुकती नहीं
गिरती रहती हैं लगातार बूंदे और बारिश थमती नहीं।।
©Arvind Baroodi
#AugustCreator #sadpoetry #adhuraishq #august #ishq #poem #Poet #Nojoto
#rainfall Dishu Prashar JAMIR SHAH Sinodh Kumar Yadav Alka Varli Bhardwaj Only Budana