दीदार-ए-यार के खातिर आँखों में ख्वाब ओढ़कर चले आय | हिंदी Poetry

"दीदार-ए-यार के खातिर आँखों में ख्वाब ओढ़कर चले आये हैं नींद को हम करवटों में छोड़कर ......अर्पित"

 दीदार-ए-यार के खातिर 
आँखों में ख्वाब ओढ़कर

चले आये हैं नींद को 
हम करवटों में छोड़कर

......अर्पित

दीदार-ए-यार के खातिर आँखों में ख्वाब ओढ़कर चले आये हैं नींद को हम करवटों में छोड़कर ......अर्पित

#Nojoto #nojotohindi #kalakaksh #meridayri

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