ख़्वाहिश और जरुरत
क्या चाहता हूँ जिंदगी मैं तुझसे ?
शायद....बस इतना की
होठो पर हसीं , दिल मे मोह्हबत
ज़माने से इज्ज़त ,लोगो से सोहबत ।
उम्मीद की आस , बरसो की प्यास
तेरे मेरे दरमियां अटूट एक विश्वास ।
शायद ...
जब आग लगेगी इश्क़ में तो ,
हम एक दूजे के सहारे हो ।
उस सागर का हम रूप लिए ,
दोनों के अलग किनारे हो ।
क्या चाहता हूँ जिंदगी मैं तुझसे ?
शायद...
# क्या चाहता हूँ जिंदगी मैं तुझसे