लिखा कुछ नही
कहा कुछ नही...
---फिर भी---
तारीफ बेहिसाब करती हैं...
Mohabbat जो है मेरी
Mohabbat बेपनाह करती है
मासूम है बहोत, नाजुक है बहोत,
डरती है बहोत, संभलती है बहोत,
लेकिन गुस्सा रोका नही जाता..
क्या करे
Mohabbat बेपनाह करती है
मुझपे नही तो किसपे करे "गुस्सा"
❣️हक़ हु में उसका❣️
और फिर
गुस्सा ही तो हे जो प्यार बढ़ाता है...
लेकिन हा😍 लेकिन.... हा हा हा
सच हे यह❣️ की
"गुस्से में भी बहोत फिकर वो करती है"
Ek Bas Vhi To He Jisme
MERI Jaan Basti He....
👫
@mohabbat