आपकी खुशबू को प्रतिपल महसूस करना
आपकी महक मे खो जाना,
हर समय आपकी
साँसो की सुगंध मे मद होश हो जाना,
स्वयं को
हर पल आपके ही समक्ष महसूस होना आपका
होकर रहना ही प्रेम है..
जो समझाया ना जा सके,वो प्रेम है.जो महसूस हो बस,रुह की गहराईयों तक वो प्रेम है
©Thakur Pranjal Singh