जब आपको आपसे अधिक कोई अन्य समझने लगता है तो जीवन क
"जब आपको आपसे अधिक कोई अन्य समझने लगता है तो जीवन की सभी इच्छाएं जैसे उसी पर सीमित हो जाती है, जैसे मिल गया हो सार जीवन का, न आगे बढ़ना चाहता है मन और न ही अतीत में देखना, बस वर्तमान में ही ठहर जाना चाहता है...!"
जब आपको आपसे अधिक कोई अन्य समझने लगता है तो जीवन की सभी इच्छाएं जैसे उसी पर सीमित हो जाती है, जैसे मिल गया हो सार जीवन का, न आगे बढ़ना चाहता है मन और न ही अतीत में देखना, बस वर्तमान में ही ठहर जाना चाहता है...!