Love quotes in hindi तारीफ तुम्हारी क्या करूं,
आफताब की रोशनी हो तुम l
रख दिया हाथ जिस मर्ज पे,
उस मर्ज की दवा हो तुम ll
मर मिटा उस चेहरे पे,
जिसपे कई लोग मिटे थे l
मीट रहा था अब तो मैं भी,
ना जाने हम किस ओर खड़े थे ll
धूप लगी उस चेहरे पे,
नजरें उसकी झुकी हुई l
झुकी हुई नजरों को देखा,
सुबह भी मेरी हुई नहीं ll
साथ चला कहीं दूर तलक,
दूर तलक तुम मेरे थे l
जब रात होती शाम को देखा,
उस रात भी तुम तो मेरे थे ll
समय का मुझको होश ना,
समय तो बढ़ता चला गया था l
रास्ते जब खत्म हुए,
तो लगा कि जैसे शुरू हुआ था ll
तुम जाने लगे जब अपने घर को,
लगा कि जैसे रुका रहूं l
रुक कर थोड़ी बात करूं और,
हर शाम तुम्हारे नाम करूं ll
©Nishant Singh Rajput
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