समंदर वही , कश्ती वही समंदर वही , कश्ती वही | हिंदी Poetry

"समंदर वही , कश्ती वही समंदर वही , कश्ती वही मुसाफिर भी अपने ही है संभाल के छेद करना दोस्त डूबना सबको है .. किनारा आपके लिये भी पास नहीं ……।। आपका हमदर्द ©Kiran Pawara"

 समंदर वही , कश्ती वही 
  समंदर वही , कश्ती वही 

 मुसाफिर भी अपने ही है

 संभाल के छेद करना दोस्त 
 डूबना सबको है ..

    किनारा आपके लिये भी पास नहीं ……।।




आपका हमदर्द

©Kiran Pawara

समंदर वही , कश्ती वही समंदर वही , कश्ती वही मुसाफिर भी अपने ही है संभाल के छेद करना दोस्त डूबना सबको है .. किनारा आपके लिये भी पास नहीं ……।। आपका हमदर्द ©Kiran Pawara

दोस्ती और धोख़ा
hindi poetry on life

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