लाखों में एक जमाने की हसीनों में बस एक तू ही हसीन | हिंदी शायरी
"लाखों में एक जमाने की हसीनों में बस एक तू ही हसीन है
तेरे होठों का रस मीठा होकर भी नमकीन है,
और तेरी अदाएं तो किसी दिन कहर ढाहएंगी मुझ पर
किसी दिन मिलकर बताएंगे तुझे तू कितनी हसीन है!
Ikka.🤫🤫"
लाखों में एक जमाने की हसीनों में बस एक तू ही हसीन है
तेरे होठों का रस मीठा होकर भी नमकीन है,
और तेरी अदाएं तो किसी दिन कहर ढाहएंगी मुझ पर
किसी दिन मिलकर बताएंगे तुझे तू कितनी हसीन है!
Ikka.🤫🤫