"नादान जिंदगी ने जिंदगी भर गम दिये...
शायद पिछले जन्म में पाप हैं बहुत किये।
इस सोच को पीछे छोड़...
जिंदगी का सार तू निचोड।
इस नादान ज़िन्दगी का क्या हैं कहना...
हर स्थिति में यहाँ इंसान को हैं रहना।
ठोकर खा-खा कर ज़िन्दगी बहुत कुछ सीखा देती हैं..
तभी तो कोयले में हीरे का निखार भी ला देती हैं।
जिंदगी ने जितने भी गम हैं दिये...
यहीं सोच औरो से कम हैं दिये।
गम के बाद वो खुशियाँ भी जरूर आयेगी...
सब्र कर बन्दे,ये जिंदगी ही उनको लायेगी।"