फूलों के खिलने से आती हैं बहार, लापरवाह लोगों को | हिंदी शायरी

"फूलों के खिलने से आती हैं बहार, लापरवाह लोगों को भाती हैं हार भीड़ बड़ती हैं जब किसी बस्ती में खुल जाती हैं हर चीज की बाजार। ©Kamlesh Kandpal"

 फूलों के खिलने से आती हैं बहार,
लापरवाह लोगों को  भाती हैं हार 

भीड़ बड़ती हैं जब किसी बस्ती में 
खुल जाती हैं हर चीज की बाजार।

©Kamlesh Kandpal

फूलों के खिलने से आती हैं बहार, लापरवाह लोगों को भाती हैं हार भीड़ बड़ती हैं जब किसी बस्ती में खुल जाती हैं हर चीज की बाजार। ©Kamlesh Kandpal

#bajar

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