अपणो ने साथ नही दिया ना वादे रिस्ते निभाये चल अकेलासाथ किसीका हो या ना हो मुशकील राहो पर कुछ दोस्त मिले दिल खिले कुछ साथ तो हैं कुछ भगवान को प्यारे हो गये जिये तो जिये कैसे कैसे ना कोई मंजिल हैं ना रस्ता सोचता हु कहू अलविदा जिंदगी.... फिर मिलेगे बोल नही सकते मिट्टी के भाव सपने बिकते यहा.... सत्य परेशान हैं.... झुट का बोलबाला मेन फिर आऊंगा लौटके अलविदा दोस्तो माफ करना मै अच्छा दोस्त बना पिता ना पती ना भाई ना ही बेटा जा राहा हू दोतो गम ना करना मै रूठ जाऊंगा फिर कभी लौटके नही आऊंगा वरना सपनो मे भी...अलविदा मत कहेना दोस्तो आपके दिलो दिमाग मी मुझे हैं रहना अलविदा,..
©निशांत
#Raat