White बड़ते अन्धकार मे एक रोशनी तक दिखाई नहि देती | हिंदी कविता

"White बड़ते अन्धकार मे एक रोशनी तक दिखाई नहि देती सुनसान सी रात मे किसी कि आवाज सुनाई नही देती सपने ही सपने है यहां पर हर कीसी के किसी के पंखो की उढ़ान तक सुनाई नहि देती..!! ©HARSHIT369"

 White बड़ते अन्धकार मे एक रोशनी तक दिखाई नहि देती
सुनसान सी रात मे किसी कि आवाज सुनाई नही देती
सपने ही सपने है यहां पर हर कीसी के
किसी के पंखो की उढ़ान तक सुनाई नहि देती..!!

©HARSHIT369

White बड़ते अन्धकार मे एक रोशनी तक दिखाई नहि देती सुनसान सी रात मे किसी कि आवाज सुनाई नही देती सपने ही सपने है यहां पर हर कीसी के किसी के पंखो की उढ़ान तक सुनाई नहि देती..!! ©HARSHIT369

#good_night घने अंधकार में कविता

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