किस क़दर प्यार है मुझको तुझसे, कैसे तुझको बताऊँ?
मैं चाहता हूँ, तू बस मेरे क़दमों से क़दम मिलाकर चले।
जो तेरे-मेरे क़दमों को मिला दे, वो राह कहाँ से लाऊँ?
हो गया मैं तेरी चाहत में दीवाना, कैसे न तुझको चाहूँ?
मैं तुझको कितना चाहता हूँ, चाहता हूँ तू भी मुझे चाहे।
तू बता तेरे दिल में, मेरी ख़ातिर वो चाह कहाँ से लाऊँ?
तुझ बिन इक पल जीना दुश्वार है, कैसे तुझको समझाऊँ?
हर पल मैं तेरा ही साथ चाहता हूँ, तू हर जनम मुझे मिले।
जन्मों-जनम तुझे मेरे नाम लिखे, वो स्याह कहाँ से लाऊँ?
तू मेरी ओर इक क़दम बढ़ा, मैं तेरी ओर दौड़ा चला आऊँ
इक तुझको पाने को ख़ातिर मैं कुछ भी कर सकता हूँ?
तू इशारा तो करके देख, कैसे मैं हर हद से गुजर जाऊँ।।
©Mahesh Kumar 'Maddy'
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