अल्फ़ाज रूह के... तेरी यादों को हर वक्त समेट के चल | हिंदी शायरी

"अल्फ़ाज रूह के... तेरी यादों को हर वक्त समेट के चलता हूं बेखौफ़ जी, हर वक्त तेरे साथ निकलता हु मैं मरूँगा तो भी जियूँगा तुझमे , पूनम सफर पर अलविदा कह के निकलता हु तू न मिले तो भी सुर्ख़ियो में रहुगा ,मैं ताब-ए- क़लम घर से लेके चलता हूं #योगेश_कुमार"

 अल्फ़ाज रूह के...

तेरी यादों को हर वक्त समेट के चलता हूं
बेखौफ़ जी, हर वक्त तेरे साथ निकलता हु
मैं मरूँगा तो भी जियूँगा तुझमे , पूनम
सफर पर अलविदा कह के निकलता हु
तू न मिले तो भी सुर्ख़ियो में रहुगा ,मैं
ताब-ए- क़लम घर से लेके चलता हूं

#योगेश_कुमार

अल्फ़ाज रूह के... तेरी यादों को हर वक्त समेट के चलता हूं बेखौफ़ जी, हर वक्त तेरे साथ निकलता हु मैं मरूँगा तो भी जियूँगा तुझमे , पूनम सफर पर अलविदा कह के निकलता हु तू न मिले तो भी सुर्ख़ियो में रहुगा ,मैं ताब-ए- क़लम घर से लेके चलता हूं #योगेश_कुमार

#P_Love_अल्फ़ाज_रूह_के...

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