वही सूरज, वही सवेरा, फिर भी कुछ भिन्न है  कुछ तो | हिंदी Poetry

"वही सूरज, वही सवेरा, फिर भी कुछ भिन्न है  कुछ तो ख़ास दिन है क्योंकि आज तुम्हारा जन्म दिन है देती हूं दुवाएं तुम्हें खोल के आज दिल हर दिशाओं में हो मुकम्मल तुम्हारी मंजिल मोहब्बत से भरी हो जिंदगी तमन्नाओं से भरा हो हर पल इतनी खुशियां दे तुमको, तुम्हारा आने वाला कल, रंग है कई, रंगों में बात कई,  है दुवाएं तुमको, खुशियों के रंग से जा मिल वक्त है खुशनुमा, मौसम भी हो रही है हसीन, तुम्हारे अंदर जो सिमटी सी हो तुम, जाए कली भी आज वो खिल तृप्ति तेजल 18 February 2024 ©Tripti tejal"

 वही सूरज, वही सवेरा,

फिर भी कुछ भिन्न है 

कुछ तो ख़ास दिन है

क्योंकि आज तुम्हारा जन्म दिन है

देती हूं दुवाएं तुम्हें खोल के आज दिल

हर दिशाओं में हो मुकम्मल तुम्हारी मंजिल

मोहब्बत से भरी हो जिंदगी

तमन्नाओं से भरा हो हर पल

इतनी खुशियां दे तुमको, तुम्हारा आने वाला कल,

रंग है कई, रंगों में बात कई, 

है दुवाएं तुमको, खुशियों के रंग से जा मिल

वक्त है खुशनुमा, मौसम भी हो रही है हसीन,

तुम्हारे अंदर जो सिमटी सी हो तुम, जाए कली भी आज वो खिल


तृप्ति तेजल

18 February 2024

©Tripti tejal

वही सूरज, वही सवेरा, फिर भी कुछ भिन्न है  कुछ तो ख़ास दिन है क्योंकि आज तुम्हारा जन्म दिन है देती हूं दुवाएं तुम्हें खोल के आज दिल हर दिशाओं में हो मुकम्मल तुम्हारी मंजिल मोहब्बत से भरी हो जिंदगी तमन्नाओं से भरा हो हर पल इतनी खुशियां दे तुमको, तुम्हारा आने वाला कल, रंग है कई, रंगों में बात कई,  है दुवाएं तुमको, खुशियों के रंग से जा मिल वक्त है खुशनुमा, मौसम भी हो रही है हसीन, तुम्हारे अंदर जो सिमटी सी हो तुम, जाए कली भी आज वो खिल तृप्ति तेजल 18 February 2024 ©Tripti tejal

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