क्या कहूँ तुझे... तू तो एक खुली किताब है। जब भी लग | हिंदी Shayari
"क्या कहूँ तुझे...
तू तो एक खुली किताब है।
जब भी लगा पढ़ लिया तुझे ,
तुझमें खुला एक नया राज है।
न जाने कभी पढ़ पाऊँगी तुझे,,
या ये जिंदगी यूं ही निकल जाएगी.....
तुझे समझते - समझते ।।
- दिल से"
क्या कहूँ तुझे...
तू तो एक खुली किताब है।
जब भी लगा पढ़ लिया तुझे ,
तुझमें खुला एक नया राज है।
न जाने कभी पढ़ पाऊँगी तुझे,,
या ये जिंदगी यूं ही निकल जाएगी.....
तुझे समझते - समझते ।।
- दिल से