BeHappy यार मेरे लाल ,
तू कैसा कर गया कमाल।
छोड़ के उन को चला अकेला,
जो साथ तेरे जिया करते।
सुख दुख दोनो डाल पैग में,
यार बराबर पिया करते।
शाम को चूल्हे आगे ,
मीटिंग अपनी होनी थी।
जिक्र यही हुआ करता ।
तेरी बीमारी कैसे खोनी थी।
नशा कोई करे नही था।
बस चाय की घूट भरे करता।
फिर भी तेरे परहेज को ले कर।
हमारा दिल डरे करता।
जो तेरे त करे थे वादे।
यार वो हम न निभाने थे।
इब के सीजन में तेरे त।
योगा खूब कराने थे।
पर तू पहले ही छोड़ चला ।
यो कैसा तू ने जाल बुना।
देख कर तेरे बालक बिलखते ।
हो व सै मेरा हाल बुरा।
ताहिर।।।
©TAHIR CHAUHAN
#मोहित#लाला