गुलशन की राह छोड़ चुके है हम, अपनी राहों मे काँटें | हिंदी Shayari
"गुलशन की राह छोड़ चुके है हम,
अपनी राहों मे काँटें बिछाए बैठै है।
ऐ जिंदगी मुझे बर्बाद करने के तरिके ना सोच,
हम वो है जो अपना आशियाना जलाए बैठे है।
Nitesh kaushik"
गुलशन की राह छोड़ चुके है हम,
अपनी राहों मे काँटें बिछाए बैठै है।
ऐ जिंदगी मुझे बर्बाद करने के तरिके ना सोच,
हम वो है जो अपना आशियाना जलाए बैठे है।
Nitesh kaushik