कुछ किश्त, कुछ मूल और ज़रा सा ब्याज,
ये तुम्हारी मोहब्बत की शर्तें गिना रहा हूं।
कुछ ख्वाब, कुछ जज़्बात, ज़रा सा इश्क़,
निभाई थी जो मैने, बातें अब बता रहा हूं।
कुछ रस्म, सब दफ्न, क़ब्र तक है सफ़र,
तुम्हारे इश्क की दास्तां सबको सुना रहा हूं।
©Deepak Mishra 'Kitab Wala'
#Alive