चंदा मामा अब भी कहानियों में आ जाया करो... कितने स | हिंदी विचार

"चंदा मामा अब भी कहानियों में आ जाया करो... कितने सुकून से सुलाते थे तुम, ओस की चादर ओढ़ा कर।।।।।।। मामा, तुम रोज मिलने आ जाते हो लेकिन दादी और नानी कहां चली गईं? मामा, ये ख्वाब किस दुनियां के बाशिंदे हैं? कभी मुलाकात नहीं होती।।।।।।।।।। 🥹 ©Ram Yadav"

 चंदा मामा अब भी कहानियों में आ जाया करो...
कितने सुकून से सुलाते थे तुम, 
ओस की चादर ओढ़ा कर।।।।।।।

मामा,
तुम रोज मिलने आ जाते हो
लेकिन दादी और नानी कहां चली गईं?

मामा,
ये ख्वाब किस दुनियां के बाशिंदे हैं?
कभी मुलाकात नहीं होती।।।।।।।।।।




🥹

©Ram Yadav

चंदा मामा अब भी कहानियों में आ जाया करो... कितने सुकून से सुलाते थे तुम, ओस की चादर ओढ़ा कर।।।।।।। मामा, तुम रोज मिलने आ जाते हो लेकिन दादी और नानी कहां चली गईं? मामा, ये ख्वाब किस दुनियां के बाशिंदे हैं? कभी मुलाकात नहीं होती।।।।।।।।।। 🥹 ©Ram Yadav

#MoonHiding आज का विचार शुभ रात्रि सुविचार

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