यह कविता उन लोगों को जवाब है जो कहते हैं कि सबसे जघन्य अपराधी भी इंसान है और उसके भी अधिकार हैं।
मानवता ब्रिगेड जिनके दिल नीच से नीच कृत्य करने वालों के लिए धड़कते हैं, उनके लिए है
प्रश्न यह है कि इसे पढ़कर आपको क्या महसूस हुआ?
वो भावनाएं नहीं जागीं ,जिन्हें मैं छूना चाहता हूँ....तो मुझे इस कविता को हटाना होगा और फिर से लिखना होगा