शहर ज़ालिमों का है साहब, जरा संभल कर चलना, यहां सीन | हिंदी Shayari Vid

"शहर ज़ालिमों का है साहब, जरा संभल कर चलना, यहां सीने से लगाकर, लोग दिल निकाल लेते है…! ©Palak Parmar "

शहर ज़ालिमों का है साहब, जरा संभल कर चलना, यहां सीने से लगाकर, लोग दिल निकाल लेते है…! ©Palak Parmar

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