दिन में ही मिल लेते कहीं , रात जरूरी थी क्या.. ये | हिंदी Shayari
"दिन में ही मिल लेते कहीं , रात जरूरी थी क्या..
ये बेनतीजा, मुलाकात जरूरी थी क्या..
मुझसे कहते तो आँखों में बुला लेता तुम्हें..
भीगने के लिये बरसात जरूरी थी क्या.."
दिन में ही मिल लेते कहीं , रात जरूरी थी क्या..
ये बेनतीजा, मुलाकात जरूरी थी क्या..
मुझसे कहते तो आँखों में बुला लेता तुम्हें..
भीगने के लिये बरसात जरूरी थी क्या..