तुमनें क्या सोच लिया मेरे दोस्त...
मेरे ज़ख्मो पर मरहम का इकरार होगा
मेरे आँखों में आँशु का धार होगा ।
हमने भी जान लिया वो बेवफा है
उसको फिर किसी न किसी से प्यार होगा।।
फिर किसी को वो बहलायेगी
उसे देख कर मुस्कुरायेगी
अपना बनाने का हर तरकीब अपनायेगी
जन्म-जन्म साथ निभाने की हर कसमें खाएगी ।
फिर किसी के साथ अत्यचार होगा
प्यार के नाम पर जो ये व्यापार होगा
खुदा न करे की कोई फिर ईस भंवर जाल में फँसे
इससे अच्छा तो गर्दन चाकू पर कटे ।
©Purushottam Mishra
#Hopeless