White नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद कर | हिंदी कविता

"White नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद करो झूठे वादों से वोटों की कालाबाजारी बंद करो। TV में जब से दिखने लगे,ज्यादा उत्तेजित रहते हो, मर जायेंगे जनता खातिर हर बात में कहते रहते हो। बोतल तोड़ो कुर्सी छोड़ो, हल्ला गुल्ला करते हो, खत्म हुआ जैसे ही सदन,कैन्टीन में सुल्ला करते हो। जाति धर्म के नाम पे नफरत की बमबारी बंद करो, नेता जी..... पढ़ने लिखने वालों पर लाठी डंडे चलवाते हो, जान जा रही बेटी की तुम कैन्डेल मार्च कराते हो। जनता के मुद्दों पर बोलो उस पर बहस जरूर करो, नियम बनाना बंद करो अब नीति बनाना शुरू करो। बहस के नाम पे जहर उगलने की ये पारी बंद करो, नेता जी ....... क्या खाकर पैदा करते वो नेता बनने लायक हैं, अपने बेटे को मिले टिकट बाकी जनता नालायक है। एक जाति के बने मसीहा बाकी के खलनायक हैं, बदमासी चोरी करता जो बनता वही विधायक है। देखके मौसम पार्टी बदलना बारी बारी बंद करो, नेता जी...... ©शुभम मिश्र बेलौरा"

 White  नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद करो
झूठे वादों से वोटों की कालाबाजारी बंद करो।
TV में जब से दिखने लगे,ज्यादा उत्तेजित रहते हो,
मर जायेंगे जनता खातिर हर बात में कहते रहते हो।
बोतल तोड़ो कुर्सी छोड़ो, हल्ला गुल्ला करते हो,
खत्म हुआ जैसे ही सदन,कैन्टीन में सुल्ला करते हो।
जाति धर्म के नाम पे नफरत की बमबारी बंद करो,
नेता जी.....
पढ़ने लिखने वालों पर लाठी डंडे चलवाते हो,
जान जा रही बेटी की तुम कैन्डेल मार्च कराते हो।
जनता के मुद्दों पर बोलो उस पर बहस जरूर करो,
नियम बनाना बंद करो अब नीति बनाना शुरू करो।
बहस के नाम पे जहर उगलने की ये पारी बंद करो,
नेता जी .......
क्या खाकर पैदा करते वो नेता बनने लायक हैं,
अपने बेटे को मिले टिकट बाकी जनता नालायक है।
एक जाति के बने मसीहा बाकी के खलनायक हैं,
बदमासी चोरी करता जो बनता वही विधायक है।
देखके मौसम पार्टी बदलना बारी बारी बंद करो,
नेता जी......

©शुभम मिश्र बेलौरा

White नेता जी संसद भवन में अब,ये मारा मारी बंद करो झूठे वादों से वोटों की कालाबाजारी बंद करो। TV में जब से दिखने लगे,ज्यादा उत्तेजित रहते हो, मर जायेंगे जनता खातिर हर बात में कहते रहते हो। बोतल तोड़ो कुर्सी छोड़ो, हल्ला गुल्ला करते हो, खत्म हुआ जैसे ही सदन,कैन्टीन में सुल्ला करते हो। जाति धर्म के नाम पे नफरत की बमबारी बंद करो, नेता जी..... पढ़ने लिखने वालों पर लाठी डंडे चलवाते हो, जान जा रही बेटी की तुम कैन्डेल मार्च कराते हो। जनता के मुद्दों पर बोलो उस पर बहस जरूर करो, नियम बनाना बंद करो अब नीति बनाना शुरू करो। बहस के नाम पे जहर उगलने की ये पारी बंद करो, नेता जी ....... क्या खाकर पैदा करते वो नेता बनने लायक हैं, अपने बेटे को मिले टिकट बाकी जनता नालायक है। एक जाति के बने मसीहा बाकी के खलनायक हैं, बदमासी चोरी करता जो बनता वही विधायक है। देखके मौसम पार्टी बदलना बारी बारी बंद करो, नेता जी...... ©शुभम मिश्र बेलौरा

#Sad_Status नेता जी

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