झुमका
देखो ना आज मेरा वो झुमका खो गया
पुरे दिन धुंढने पर भी नहीं मिला!
वही झुमका जिसे लोंटाने के बहाने तुम पहिली बार
मेरी गली में आए थे, और मुझे खिडकी में देखा था;
वही झुमका जिसे जब में पेहनती थी तो तुम्हारा ध्यान
बार- बार मेरी कान से सटे तिल पर अटक जाता था!
वही झुमका जिसे तुमने मेरे लिये पसंद किया था;
वही झुमका जो तुमने मुझे दिया पहीला तोंफा था!
वही झुमका जब आखरी बार गले मिलते वक्त
तुम्हारे शर्ट पर अटक कर रह गया;
वही झुमका जिसकी वो जोडी तुमने फिर कभी नहीं लोंटाया!
देखो ना आज मेरा वो झुमका खो गया
पुरे दिन धुंढने पर भी नहीं मिला!
- प्रियांका ओव्हाळ
#झुमका