"मे आज तुझसे सारे रिश्ते तोड़ता हूँ
तेरी खुशी की खातिर तुझे छोड़ता हूँ
कहाँ थी मुझे इस हुनर की ख्वाहिश
खाली पन्नो पर अपने जज़्बात बोलता हूँ
सय्यद दानिश आब्दी ✍️"
मे आज तुझसे सारे रिश्ते तोड़ता हूँ
तेरी खुशी की खातिर तुझे छोड़ता हूँ
कहाँ थी मुझे इस हुनर की ख्वाहिश
खाली पन्नो पर अपने जज़्बात बोलता हूँ
सय्यद दानिश आब्दी ✍️