भाग्य कभी अपना कर्म तय नहीं करता मगर कर्म हमेशा अप | हिंदी Poetry

"भाग्य कभी अपना कर्म तय नहीं करता मगर कर्म हमेशा अपना भाग्य तय करता है भविष्य के गर्भ मैं क्या छिपा है ये हमारे कर्म पे निर्धारित होती है राधे राधे ©R.k writes"

 भाग्य कभी अपना कर्म तय नहीं करता
मगर कर्म हमेशा अपना भाग्य तय करता है
भविष्य के गर्भ मैं क्या छिपा है ये हमारे
कर्म पे निर्धारित होती है

राधे राधे

©R.k writes

भाग्य कभी अपना कर्म तय नहीं करता मगर कर्म हमेशा अपना भाग्य तय करता है भविष्य के गर्भ मैं क्या छिपा है ये हमारे कर्म पे निर्धारित होती है राधे राधे ©R.k writes

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