बहुत रह लिया तन्हा अब हम तुम्हारे हैं एक अनजान म | हिंदी Poetry

"बहुत रह लिया तन्हा अब हम तुम्हारे हैं एक अनजान मुसाफिर ने इश्क़ का इतर लगा दिया मैं भरा था काँटों से ..मुझे गुलाब की तरह महका दिया मैं जब देखूं आइना तो मुझे नज़र तुम आने लगे देख के खुद को यूं हम मुस्कुराने लगे मचाया धड़कनों ने शोर ये कैसा जादू किया तेरा मुख चाँद सा , बिलास जिसके पास है हर आशिक़ को जिससे मिलने की एक आस है तुमसे इश्क़ है कुछ ऐसा जैसे नदी के दो किनारे है बहुत रह लिया तन्हा अब हम तुम्हारे हैं। ©Kaviraj Twinkal"

 बहुत रह लिया तन्हा
अब हम तुम्हारे हैं 

एक अनजान मुसाफिर ने इश्क़ का इतर लगा दिया
 मैं भरा था काँटों से ..मुझे गुलाब की तरह महका दिया 

मैं जब देखूं आइना तो मुझे नज़र तुम आने लगे 
देख के खुद को यूं हम मुस्कुराने लगे 

मचाया धड़कनों ने शोर 
ये कैसा जादू किया 

तेरा मुख चाँद सा , बिलास जिसके पास है 
हर आशिक़ को जिससे मिलने की एक आस है 

तुमसे इश्क़ है कुछ ऐसा 
जैसे नदी के दो किनारे है 

 बहुत रह लिया तन्हा 
अब हम तुम्हारे हैं।

©Kaviraj Twinkal

बहुत रह लिया तन्हा अब हम तुम्हारे हैं एक अनजान मुसाफिर ने इश्क़ का इतर लगा दिया मैं भरा था काँटों से ..मुझे गुलाब की तरह महका दिया मैं जब देखूं आइना तो मुझे नज़र तुम आने लगे देख के खुद को यूं हम मुस्कुराने लगे मचाया धड़कनों ने शोर ये कैसा जादू किया तेरा मुख चाँद सा , बिलास जिसके पास है हर आशिक़ को जिससे मिलने की एक आस है तुमसे इश्क़ है कुछ ऐसा जैसे नदी के दो किनारे है बहुत रह लिया तन्हा अब हम तुम्हारे हैं। ©Kaviraj Twinkal

#Nojoto

#fish

People who shared love close

More like this

Trending Topic