छोड़ दिया टहलना गली-मोहल्लों में,
इश्क भी अब तो डिजिटल हो गया है।
कौन करता है अब बातें रूह की,
अब सब कुछ फिज़िकल हो गया है।
अब नहीं उमड़ते हैं जज़्बात चिट्ठियों में,
जमाना कुछ ज्यादा ही प्रैक्टिकल हो गया है।
किस्से कहानियों में मैजिक नहीं अब,
अब तो सोचना भी लॉजिकल हो गया है।
जमकर इस्तेमाल करेंगे दिमाग वाले तेरा,
ऐ दिल तू क्यों इतना इमोशनल हो गया है।
©Ashvani Kumar
ऐ दिल तू क्यों इतना इमोशनल हो गया है