दिन, जब बारिशों में साइकिल से कीचड़ में गिरते थे. भीगने के बाद तेल मालिश और गर्म पकवान. गिरते पानियों में हाथ पांव धोना. शाम की झींगुर, मेंढ़कों की आवाज, ठनका सुन कान ढकना. TV, रेडियो बंद कर पिताजी की कहानियां सुनना. सुबह गिरे पेड़ गिनना, मछली पकड़ना. स्कूल बंद होने की खबर फैला दिन भर मस्ती. माँ के फटे पैर, चु रहे सीलन के नीचे बरतन लगना. पिता का भीगते, भागते आना, और आते ही लिट्टी परमावश्यक .
©Abhishek Kumar
अनमोल दिन