सच को झूठ बताना आता नहीं मुझको अपनों को गैर बताना | हिंदी शायरी

"सच को झूठ बताना आता नहीं मुझको अपनों को गैर बताना आता नहीं मुझको लोग तो छुपा लेते है गहरे-गहरे राज सीने में यहां शर्म को चेहरे से छुपाना आता नहीं मुझको। और उसकी मोहब्बत को लोग जान जाते है चेहरे से मेरे के चेहरा बदलना आता नहीं मुझको और तुम कहो तो दिन को रात रात को दिन कह दूं पर झूठा लोगों को खुश करना आता नहीं मुझको Good Night Sweet Dreams ©Maheshrana"

 सच को झूठ बताना आता नहीं मुझको
अपनों को गैर बताना आता नहीं मुझको
लोग तो छुपा लेते है गहरे-गहरे राज सीने में
यहां शर्म को चेहरे से छुपाना आता नहीं मुझको।
और उसकी मोहब्बत को लोग जान जाते है 
चेहरे से मेरे
के चेहरा बदलना आता नहीं मुझको
और तुम कहो तो दिन को रात
रात को दिन कह दूं
पर झूठा
 लोगों को खुश करना आता नहीं मुझको
Good Night 
Sweet Dreams

©Maheshrana

सच को झूठ बताना आता नहीं मुझको अपनों को गैर बताना आता नहीं मुझको लोग तो छुपा लेते है गहरे-गहरे राज सीने में यहां शर्म को चेहरे से छुपाना आता नहीं मुझको। और उसकी मोहब्बत को लोग जान जाते है चेहरे से मेरे के चेहरा बदलना आता नहीं मुझको और तुम कहो तो दिन को रात रात को दिन कह दूं पर झूठा लोगों को खुश करना आता नहीं मुझको Good Night Sweet Dreams ©Maheshrana

good night

#diary

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