पहले से कुछ अच्छा है"
एक रुला कर चला गया,
दे गया दिल को अच्छे से गच्चा है,
दूसरे ने जब से पहुंचे हैं आंसू,
अब दिल पहले से कुछ अच्छा है।
बदल गया घर पहले की तरह ये भी,
क्या गारंटी है कि, ये दिल का सच्चा है।
कौन जिएगा घुट घुट कर तन्हा जीवन
भर, हालातो से समझौता ही अच्छा है।
दिल की चोटों के ज़ख्म अभी भी हरे
धरे हैं, दो-चार बड़ी मुश्किल से भरे हैं।
इक बार और करने को यकीं दिल
कहता है, क़िस्मत में लिखा कुछ अच्छा है।
©Anuj Ray
# पहले से कुछ अच्छा है"