दुःख ------------------ कितना सहज, स्वभाविक था मरुस्थल में ताप की तरह अनवरत गिरता रहा मुझपर... सुख ---------- मेरी कल्पना में मेरे माथे के मरुस्थल को तुम अपने हाथों की नदी से सहलाती हो... ©Piyush #soulmate Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto