अपने दर्दों की दवा, खुद कर लेंगे हम
उन पर मरहम लगाने की ज़रूरत नहीं है
हम समझ चुके हैं वो, जो समझा रहे हो तुम
अब और समझाने की ज़रूरत नहीं है
सच झूठ से हमारा अब कोई वास्ता नहीं रहा
हमें बातों में बहलाने की ज़रूरत नहीं है
दिख चुके हैं हमें सबके चेहरे असल में
किसी को मुखौटे लगाने की ज़रूरत नहीं है
ये उम्मीदें ही काफी हैं, चोट देने के लिए
तुम्हें पत्थर हो जाने की ज़रूरत नहीं है
©Kalpana Maurya
#WoNazar