ये बारिश की बूंदे और ठंडी हवाएं मुझे न भा रही है स | हिंदी Shayari

"ये बारिश की बूंदे और ठंडी हवाएं मुझे न भा रही है सच कहूं तो कुसूर इस मौसम का नहीं तकलीफ तो तेरी यादों से है जो बार बार मेरे पास आ रही है।।"

 ये बारिश की बूंदे और ठंडी हवाएं मुझे न भा रही है
सच कहूं तो कुसूर इस मौसम  का  नहीं 
तकलीफ तो तेरी यादों से है
जो बार बार मेरे पास आ रही है।।

ये बारिश की बूंदे और ठंडी हवाएं मुझे न भा रही है सच कहूं तो कुसूर इस मौसम का नहीं तकलीफ तो तेरी यादों से है जो बार बार मेरे पास आ रही है।।

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