"हम जो एक अजनबी की बात करते,
सुबह ढल गई शाम करके,
वो इन आंखों की रोशनी है आज भी,
किस कदर हम मोड़ पर नजरअंदाज करते,
मेरी कुछ बात यु.. थी, और उन्होंने कह दिया
क्या फायदा बात करके,"
हम जो एक अजनबी की बात करते,
सुबह ढल गई शाम करके,
वो इन आंखों की रोशनी है आज भी,
किस कदर हम मोड़ पर नजरअंदाज करते,
मेरी कुछ बात यु.. थी, और उन्होंने कह दिया
क्या फायदा बात करके,