बह जाने दो हवाओं में कहीं, उड़ जाने दो फिज़ाओं मे | हिंदी शायरी Video

"बह जाने दो हवाओं में कहीं, उड़ जाने दो फिज़ाओं में कहीं... तोड़ देने दो आज कैद जमाने की, उड़ जाने दो मुझे आज कहीं आसमानों में... तोड़ देने दो आज वो मजबूरियां, जिसकी बोझ लिए मैं कभी उड़ ना सका। उड़ने की ख्वाहिश तो बचपन से थी, बस मजबुरियूं और अपनो ने कभी पंख खुलने ही ना दिया!! ©ck chAhAt "

बह जाने दो हवाओं में कहीं, उड़ जाने दो फिज़ाओं में कहीं... तोड़ देने दो आज कैद जमाने की, उड़ जाने दो मुझे आज कहीं आसमानों में... तोड़ देने दो आज वो मजबूरियां, जिसकी बोझ लिए मैं कभी उड़ ना सका। उड़ने की ख्वाहिश तो बचपन से थी, बस मजबुरियूं और अपनो ने कभी पंख खुलने ही ना दिया!! ©ck chAhAt

#Tor Dene Do #CK_Chahat

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